HomeCTETHindi Grammar Questions Answers 101-150 HTET CTET HPTET UPTET

Hindi Grammar Questions Answers 101-150 HTET CTET HPTET UPTET

Hindi Grammar Questions Answers 101-150 HTET CTET HPTET UPTET


Hindi Grammar Questions Answers 101-150 HTET CTET HPTET UPTET. Get Hindi Grammar Questions Answers 101-150 HTET CTET HPTET UPTET MPTET REET. We are providing here Hindi Grammar Questions Answers 101-150 HTET CTET HPTET UPTET. Get Hindi Grammar Questions Answers 101-150 HTET CTET HPTET UPTET MPTET REET.

101 काव्य के तत्व माने गए है –

उत्तर: दो

102 महाकाव्य के उदाहरण है –

उत्तर: रामचरित मानस, रामायण, साकेत, महाभारत, पदमावत, कामायनी, उर्वशी, लोकायतन, एकलव्य आदि

103 मुक्तक काव्य के उदाहरण है-

उत्तर: मीरा के पद, रमैनियां, सप्तशति

104 काव्य कहते है –

उत्तर: दोष रहित, सगुण एवं रमणियार्थ प्रतिपादक युगल रचना को

105 काव्य के तत्व है –

उत्तर: भाषा तत्व, बुध्दि या विचार तत्व, कल्पना तत्व और शैली तत्व

106 काव्य के भेद है –

उत्तर: प्रबंध (महाकाव्य और खण्ड काव्य), मुक्तक काव्य

107 वामन ने काव्य प्रयोजन माना –

उत्तर: दृष्ट प्रयोजन (प्रीति आनंद की प्राप्ति) अदृष्ट प्राप्ति (कीर्ति प्राप्ति)

108 भामह की काव्य परिभाषा है –

उत्तर: शब्दार्थो सहित काव्यम

109 प्रबंध काव्य का शाब्दिक अर्थ है –

उत्तर: प्रकृष्ठ या विशिष्ट रूप से बंधा हुआ।

110 रसात्मक वाक्यम काव्यम परिभाषा है –

उत्तर: पंडित जगन्नाथ का

111 काव्य के कला पक्ष में निहित होती है –

उत्तर: भाषा

112 काव्य में आत्मा की तरह माना गया है-

उत्तर: रस

113 तद्दोषों शब्दार्थो सगुणावनलंकृति पुन: क्वापि, परिभाषा है –

उत्तर: मम्मट की

114 काव्य के तत्व विभक्त किए गए है-

उत्तर: चार वर्गो में प्रमुखतया रस, शब्द

115 कवि दण्डी ने काव्य के भेद माने है-

उत्तर: तीन

116 रमणियार्थ प्रतिपादक शब्द काव्यम की परिभाषा दी है –

उत्तर: आचार्य जगन्नाथ ने

117 काव्य रूपों में दृश्य काव्य है –

उत्तर: नाटक

118 काव्य प्रयोजन की दृष्टि से मत सर्वमान्य है –

उत्तर: मम्मटाचार्य का

119 काव्य प्रयोजनों में प्रमुख माना जाता है-

उत्तर: आनंदानुभूति का

120 काव्य रचना का प्रमुख कारण (हेतु) है –

उत्तर: प्रतिभा का

121 महाकाव्य और खण्ड काव्य में समान लक्षण है –

उत्तर: कथानक उपास्थापन एक जैसा होता है।

122 काव्य रचना के सहायक तत्व है –

उत्तर: वर्ण्य विषय(भाव), अभिव्यक्ति पक्ष (कला), आत्म पक्ष

123 मम्मट के काव्य प्रयोजन है –

उत्तर: यश, अर्थ, व्यवहार ज्ञान, शिवेतरक्षति, संघ पर निवृति, कांता सम्मलित

124 मम्मट के शिवेतर का अभिप्राय है –

उत्तर: अनिष्ट

125 सगुणालंकरण सहित दोष सहित जो होई… परिभाषा है –

उत्तर: चिंतामणि की

126 भारतीय काव्य शास्त्र के अनुसार काव्य के तत्व है –

उत्तर: 1 शब्द और अर्थ, 2 रस, 3 गुण, 4 अलंकार, 5 दोष, रीतिय

127 आधुनिक कवियों ने काव्य के प्रयोजन में क्या विचार दिए –

उत्तर: ज्ञान विस्तार, मनोरंजन, लोक मंगल, उपदेश

128 खण्ड काव्य में सर्गखण्ड होते है –

उत्तर: सात से कम

129 शैली के आधार पर काव्य भेद है –

उत्तर: गद्य, पद्य, चम्पू

130 दृश्य काव्य के भेद है –

उत्तर: रूपक और उप रूपक

131 महाकाव्य का प्रधान रस होता है –

उत्तर: वीर, शृंगार या शांत रस

132 महाकाव्य के प्रारंभ में होता है –

उत्तर: मंगलाचरण या इष्टदेव की पूजा

133 रूपक के भेद है –

उत्तर: नाटक, प्रकरण, भाण, प्रहसन, व्यायोग, समवकार, वीथि, ईहामृग, अंक

134 महाकाव्य में खण्ड या सर्ग होते है –

उत्तर: आठ और अधिक

135 महाकाव्य के एक सर्ग में एक छंद का प्रयोग होता है। इसका परिवर्तन किया जा सकता है –

उत्तर: सर्ग के अंत में।

136 मुक्तक काव्य है –

उत्तर: एकांकी सदृश्यों को चमत्कृत करने में समर्थ पद्य

137 प्रबंध काव्य वनस्थली है तो मुक्तक काव्य गुलदस्ता है। यह उक्ति किसने कही –

उत्तर: आचार्य रामचंद्र शुल्क ने

138 मुक्तककार के लक्षण होते है –

उत्तर: मार्मिकता, कल्पना प्रवण, व्यंग्य प्रयोग, कोमलता, सरलता, नाद सौंदर्य

139 मुक्तक के भेद है –

उत्तर: रस मुक्तक, सुक्ति मुक्तक

140 काव्य के गुण है –

उत्तर: काव्य के रचनात्मक स्वरूप का उन्नयन कर रस को उत्कर्ष प्रदान करने की क्षमता

141 भरत और दण्डी के अनुसार काव्य के गुण के भेद है

उत्तर: श्लेष, प्रसाद, समता, समाधि, माधुर्य, ओज, पदसुमारता, अर्थव्यक्ति, उदारता व कांति

42 आचार्य मम्मट ने काव्य गुण बताए –

उत्तर: माधुर्य, ओज और प्रसाद

143 माधुर्य गुण में वर्जन है –

उत्तर: ट, ठ, ड, ढ एवं समासयुक्त रचना

144 काव्य दोष वह तत्व है जो रस की हानि करता है। परिभाषा है –

उत्तर: आचार्य विश्वनाथ की।

145 मम्मट ने काव्य दोष को वर्गीकृत किया –

शब्द, अर्थ व रस दोष में

146 श्रुति कटुत्व दोष है –

उत्तर: जहां परूश वर्णो का प्रयोग होता है।

147 परूष वर्णो का प्रयोग कहां वर्जित है –

उत्तर: शृंगार, करूण तथा कोमल भाव की अभिव्यंजना में

148 परूष वर्ग किस अलंकार में वर्जित नहीं है –

उत्तर: यमक आदि में

149 परूष वर्ण कब गुण बन जाते है –

उत्तर: वीर, रोद्र और कठोर भाव में

150 श्रुतिकटुत्व दोष किस वर्ग में आता है –

उत्तर: शब्द दोष में

Money Deep
Money Deephttps://www.indiastudyinstitute.in
India Study Institute is a educational website. Which serves education posts for students who is preparing for competitive exams. Download all kind of Exam Papers, Syllabus, Notes and other stuff from here.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Important

Most Popular